Khatu shyam ji-खाटू श्याम जी की कहानी क्या है? | खाटू श्याम जी कौन से भगवान है?
खाटू श्याम जी कौन से भगवान है?
Khatu Shyam Ji आखिर कौन है?.
माना जाता है कि श्री खाटूश्याम जी भगवान कृष्ण के कलयुगी अवतार है। राजस्थान के सीकर जिले में श्री खाटू श्याम जी का भव्य मंदिर स्थापित है। माना जाता है कि यहां पर भगवान के दर्शन करने मात्र से हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
खाटू श्याम कौन से महीने में जाना चाहिए?
यदि आप खाटू श्याम मंदिर जाना चाहते हैं तो आप अक्टूबर से मार्च के बीच के महीने में कभी भी आ सकते हैं। क्योंकि खाटू श्याम का मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है तो ऐसे में ग्रीष्म काल में वहां पर जाना आपके लिए सही नहीं होगा।
खाटू श्याम जी की कहानी क्या है?
बाबा खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल से माना जाता है। यह पांडुपुत्र भीम के पौत्र थे। पौराणिक कथा के अनुसार, खाटू श्याम की अपार शक्ति और क्षमता से प्रभावित होकर श्रीकृष्ण ने इन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था। वनवास के दौरान जब पांडव अपनी जान बचाते हुए भटक रहे थे, तब भीम का सामना हिडिम्बा से हुआ।
खाटू श्याम बाबा का मंदिर कौन से शहर में है?
खाटूश्यामजी भारतीय राज्य राजस्थान के सीकर जिले का एक महत्वपूर्ण कस्बा है। यह खाटूश्यामजी के मन्दिर के लिए प्रसिद्ध है।
खाटू श्याम जी के पिता कौन थे?
खाटू श्याम पांडव पुत्र भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र थे. इनका असली नाम बर्बरीक था जिन्हें कलियुग में खाटू श्याम के नाम से जाना जाता है. महाभारत के समय बर्बरीक को भगवान कृष्ण ने वरदान दिया था कि वह कलियुग में भगवान श्रीकृष्ण के नाम से पूजे जाएंगे.
खाटू श्याम के पवित्र ना
जय श्री श्यामम
जय खाटू वाले श्याम
जय हो शीश के दानी
लखदातार की जय
हारे के सहारे की जय
जय हो कलियुग देव की
लीले के अश्वार की जय
जय खाटू नरेश
जय मोर्वये
जय हो खाटू वाले नाथ की
जय मोर्विनंदन श्याम
खाटू श्याम जी का क्या चमत्कार है?
मान्यताओं के अनुसार, कहा जाता है कि कलयुग के शुरुआत में राजस्थान के सीकर के खाटू गांव में बर्बरीक का शीश मिला था. कहा जात है कि ये अद्भुत घटना जब घटी जब वहां खड़ी एक गाय के थन से अपने आप दूध बहने लगा. वहीं, इसे देख वहां की जगह को खोदा गया तो यहां खाटू श्याम का सिर मिला. इसके बाद लोगों ने सोचा इस सिर का क्या किया जाए.
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